इतने सालों से पहनी है
मैंने दिल में जयमाल तेरी
इतने सालों के पल पल में
बस साथ तेरा ही पाया है।
कितनी खुशियां कितने पतझड़
इक साथ हमीं ने देखे हैं
सांसों में लिपटे गीतों ने
इक नाम तेरा ही गाया है।
कितने ही पत्थर मीलों के
हम छोड़ चुके अपने पीछे
बाँहों में बाँह लिए हमने
आगे ही कदम बढ़ाया है।
हर रात नई सी लगती है
हर रोज़ सवेरा नया नया
जीवन में अपने सपनों को
हमने मिलकर ही पाया है।
- विवाह की 25वीं वर्षगांठ पर -
पत्नी को सप्रेम समर्पित
22-01-1991
मैंने दिल में जयमाल तेरी
इतने सालों के पल पल में
बस साथ तेरा ही पाया है।
कितनी खुशियां कितने पतझड़
इक साथ हमीं ने देखे हैं
सांसों में लिपटे गीतों ने
इक नाम तेरा ही गाया है।
कितने ही पत्थर मीलों के
हम छोड़ चुके अपने पीछे
बाँहों में बाँह लिए हमने
आगे ही कदम बढ़ाया है।
हर रात नई सी लगती है
हर रोज़ सवेरा नया नया
जीवन में अपने सपनों को
हमने मिलकर ही पाया है।
- विवाह की 25वीं वर्षगांठ पर -
पत्नी को सप्रेम समर्पित
22-01-1991
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