सुन्दर सा चेहरा सवेरे सवेरे
जुल्फें हैं जैसे कि बादल घनेरे
शरमा के मुँह को कहीं भी छुपा ले
लगा ही दिया फूल बालों में तेरे !
- सुरेन्द्र कुमार -
रुड़की 1960
जुल्फें हैं जैसे कि बादल घनेरे
शरमा के मुँह को कहीं भी छुपा ले
लगा ही दिया फूल बालों में तेरे !
- सुरेन्द्र कुमार -
रुड़की 1960